Tuesday, August 18, 2020

अमेज़न के आदिवासियों का प्रोटेस्ट

अमेज़न के कायापो (kayapo) आदिवासी समुदाय के लोग ब्राज़ील की सड़कों पर अपनी पारंपरिक पोषक पहन कर और हाथों में तीर-धनुष लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं।

प्रोटेस्ट का कारण क्या है?

पहला कारण है - अमेज़न के जंगलों में इन आदिवासियों के बीच कोरोना वायरस का अनियंत्रित रूप से फैलना और जेयर बोल्शेनारो सरकार की ओर से किसी भी तरह की मदद नहीं मिलना।

दूसरा कारण है - बोल्शेनारो की नीतियों की वजह से अमेज़न के जंगलों का सफाया किया जाना, जिसकी वजह से इन आदिवासियों का अस्तित्व बहुत बड़े संकट में पड़ गया है।

ये वही बोल्शेनारो है जिसने राष्ट्रपति का चुनाव जीतते ही अमेजन के जंगलों से आदिवासियों के अधिकारों को पूर्णतः खत्म करने का प्रण लिया था और घोषणा की थी कि अमेज़न के जंगलों और उसकी भूमि का इस्तेमाल ब्राज़ील के विकास के लिए व्यावसायिक तौर पर किया जाएगा।

सर्वज्ञात है कि जेयर बोल्शेनारो शुद्ध दक्षिणपंथी व्यक्ति है। इसकी पूंजीपतियों से गहरी सांठगांठ है। इसलिए पूंजीपतियों की तिजोरियाँ भरने के लिए ये व्यक्ति आदिवासियों की बलि चढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

ब्राज़ील के आदिवासी इस समय दोहरी मार झेल रहे हैं। एक तो राइट विंग सरकार की डी-फोरेस्टेशन संबंधी नीतियों की वजह से और दूसरा कोरोना महामारी की वजह से।

कोरोना से अभी तक 21 हजार से अधिक आदिवासी इन्फेक्टेड हो चुके हैं और 618 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

पूरा ब्राज़ील दुनिया में सबसे अधिक कोरोना केसेस वाले देशों में से एक है।

ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि जिन देशों में जितनी अधिक तानाशाही है वहाँ कोरोना का उतना ही अधिक भयावह रूप दिखाई पड़ रहा है। 

उसमें भी आदिवासी जनता पर सबसे अधिक कहर बरस रहा है। क्योंकि ये पूँजीवादी दुमछल्ले वैसे ही आदिवासी जनता को मुनाफे के ख़ातिर खत्म करने पर तुले हुए हैं, ऊपर से आदिवासियों के सफाए के लिए कोरोना वायरस इनके लिए अवसर बनकर आया है।   

By 
डॉ. घपेश पुंडलिकराव ढवळे नागपुर
      M. 8600044560
      ghapesh 84@gmail.com

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