Sunday, March 7, 2021

आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं..

  आज यानी 8 मार्च को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मना रही है. लेकिन कई ऐसे देश या भारत में कई ऐसे गांव व कस्बे है जहां आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. जहां आज भी महिलाओं का शोषण किया जाता है. वे घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं. उनके साथ भेदभाव किया जाता है या उनके अधिकारों का हनन किया जाता है. हालांकि, हाल के सालों में महिलाओं ने यह दिखा दिया है कि वह किसी भी मामलों में पुरुषों से कम नहीं है. आपको बता दें कि उन्हें समान वेतन का अधिकार, घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार मीला हैं। 8मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जा रहा है. हम और आप भी इस महिला दिवस में उन महिलाओं को याद कर रहे जो इस पुरूष प्रधान समाज में भी अपनी अलग जगह बनाने में कामयाब रही है. यूं तो महिलाओं में सहनशीलता सबसे अधिक होती है लेकिन महिलाएं केवल सहन ही नहीं करती बल्कि उस परिस्थिति को सोना बना देती है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारे आपके और हम सबके घरों में ही है. मां, जिसे खुद की फिक्र कम और सबकी फिक्र ज्यादा होती है. कई महिलाओं की स्थिति काफी दयनीय है होती है. लेकिन, लाख समस्याओं के बावजूद कुछ महिलाओं ने खुद अपनी तक्दीर लिखी है.आज यानी 08 मार्च 2021 को दुनिया महिला दिवस मना रही है. लेकिन, आज भी महिलाएं असुरक्षित हैं, उनका शोषण जारी है. उनके खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी नहीं आई है. यहां तक की अनेक अपराध दर्ज भी नहीं हो पाते. ज्यादातर महिलाओं को अपने अधिकारो के बारे मे भी नहीं पता. भारतीय संविधान ने महिलाओं को कई अधिकार दिए है. इनमें सेक्सुअल हैरेसमेंट ऑफ वूमेन एक्ट, मेटरनिटी बेनिफिट एक्ट, प्रोटेक्शन ऑफ वुमन डॉमेस्टिक वायलेंस एक्ट, प्रोहिबिशन ऑफ चाइल्ड मैरिज एक्ट समेत अन्य सभी अधिकारों का उपयोग कर महिलाएं अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती है. इस बार विशेष टीम इस फोर इक्वल कीवी टीम के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया है. ऐसे में समाज को भी महिलाओं के प्रति अपनी नजरिया बदल ली होगी. लैंगिक भेदभाव को छोड़कर आधी आबादी को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास करना होगा. उन्हें समान अवसर देने होंगे तभी हमारी पीढ़ी शिक्षित होगी, आगे बढ़ेगी.अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उन महिलाओं के लिए समर्पित है जो समाज में फैली कुरीतियों या विरोध के बावजूद अपनी अलग पहचान बना रही हैं. दुनिया भर में कई ऐसे देश है जहां महिलाओं को आज भी समान अधिकार नहीं मिला हुआ है. वहीं भारत में भी कई ऐसे कस्बे या गांव है जहां महिलाओं को द्वेष भावना, कुरितियों आदि का शिकार होना पड़ता है. लेकिन हाल के सालों में यह भी देखा गया है कि किस तरह महिलाएं पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर देश के तरक्की में अपनी भागीदारी दे रही हैं. ऐसे में कम से कम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ऐसा दिन है जिस दिन हम ऐसी सभी महिलाओं की सराहना कर सकते हैं उन्हें सम्मानित करके स्पेशल महसूस करवा सकते हैं. साथ ही साथ समाज को भी उनके प्रति जागरूक कर सकते हैं.। 

By
Dr. Ghapesh P. Dhawale
      Nagpur      
      ghapesh84@gmail.com
      M. 8600044560

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