Friday, May 22, 2020

पालघर मॉब लिंचिंग ओर साम्प्रदायिकता | एप्रिल 2020

माॉब लिंचींग के कारण देश में फिर से आग भडक गई हैं।कही तरह के तर्कवितर्क लगाये जा रहे है,कु़छ समय तक तो ये मॉब लिंचींग हिंदू-मुस्लीम तक पहुच गई थी, गुरुवार महाराष्ट्र के पालघर जिल्हे मे तीन साधूऔ की कथीत तोर पर,बच्चा और  अंग तस्कर बताकर मॉब लिंचींग की गई।जानकारी के मुताबिक वो तीनो मुंबई से गुजरात सुरत मे किसी के अंतिम संस्कार मे शामिल होने जा रहे थे। तभी पालघर के दुर दराज के आदिवासी बहुल दंडचींचले  गाव के कुछ लोगो ने उनकी गाडी को रोक दिया,और उन पर पथ्थरो, डंडे, राड ,से हमला शुरू कर दिया। इस घटना के जो व्हिडिओ दिखाये जा रहे है,उसमे भगवा वस्त्र में नजर आ रहे पीडित जान बचाने के लिए पोलीस के पिछे भागने की कोशिश कर रहे है। व्हिडिओ में वह पोलीस भी दीखाई दे रहे है।जब लोग उनके साथ मॉब लिंचिंग कर रहे है।ईस केस मे अब तक 101 लोगो को पोलीस ने गिरफ्तार कर दिया है।और 9 नाबालिक को अपराध के सीलसीले में हीरासत मे लीया गया है।दो पुलिस वालो को भी इसमे  सस्पेन्ड किया गया है। 

     मॉब लिंचिंग की यह भयानक घटना महाराष्ट्र के पालघर जिल्हा के गंडचींचले गाव मे हुई यह गाव आदिवासीबहुल दहानु तालुका मे पडता है, घटना वाली जगह राजधानी मुंबई से सिर्फ 140 किलोमीटर दूर है। ईस गाव मे 93% अनुसूचीत जनजाती के लोग रहते है।  

       जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ दिनो से ईलाके मे ईस तरह की अफवाहे उड रही थी,की इस क्षेत्र मे बच्चा चोर और अंग तस्कर  सक्रिय हो गये हैं। उसके मद्देनजर स्थानीक गाव वालों ने सजगदस्ता तयार किया था। दावो के मुताबीत ईस अपवाह की वजह से यहा मारपीट की दोन घटना पहिले भी सामने आ चुकी है। पिछले बुधवार को लोकल ऍक्टिवीस्ट  विश्वास साल्वी और उनकी टीम आदिवासीबहुल सरणी गाव में लॉक  डाऊन की वजह से लोगो के लिये राशन लेकर पहुची थी तो उन पर भी  हमला कर दिया गया था। एक पोलीस टीम उने बचाने के लिए पोहोची तो उसपर भी पत्थरबाजी का दावा किया जा रहा है।ये घटना कासाथाना इलाके की है जहा साधूओ की मॉब लिंचींग की गई है।दस दीन पहले ऐक ऐसीपी अपनी टीम के साथ दादर नगर हवेली जाने की कोशिश कर रहे थे,तो ग्रामीणो ने  उनके टीम पर भी हमला किया था। ईस सारी घटनाओका  क्रम देखते हैं तो लोग ईन अफवाहे से कीतने डरे हुवे थे,जो डर उनके दीले दिमाख से नीकाल कर, सभी को ईस दहशद से मुक्ती दिलाई जा सक्ती थी जो हमने नही कीया। 

       मॉब लिंचींग को लेकर देशभर में इस तरह से सवाल उठाये जा रहे और एक सांप्रदायिक तौर पर ऊसे मीडिया की नजर नजर से देखा जा रहा है,वो ठीक नही है । पुलीस ने कारवारी  कर मामले के आरोपियों को अरेस्ट कर दिया है। गृहमंत्री ने उच्चस्तर की कमिटी गठित कर सीआयडी से जांच के आदेश दीये हैं।ताकी ईस घटना को सुलझाकर  आरोपियों को  कडी से कडी सजा की जा सके ऐसी बात ऊन्होने पत्र परीषद मे की है। 

      देश मे ये पहिली मॉब लिंचिंग नही है,आज तक देश में काफी घटना हो गई है, अखलाक, पहलुखान,इन्स्पेक्टर सुबोध सींह,तथा गुजरात के ऊना की घटना को याद कीजीऐ ईस घटनाओ की देश मे चर्चा हुई पर क्या हुवा ? वो पहली कौन सी भीड थी जीसने चौराहे गल्ली के बीच,गल्ली के मोड सडक किनारे किसी महीला को डायन बताकर मार दीया। बच्चे को रोटी चोरी के आरोप में मार दीया। वो कोनसा पहीला जवान लडका था जीसका भीड के हातो कत्ल हो गया।वो कौन सी पहली लडकी थी जो प्रेम की सजा मे शहर के सर्किल पर भीड ने मारी,वो कोनसे लोग जो उनके' धर्म' के बता कर मारे गये। वो कोन से पहले तुम्हारे  'धर्म 'के थे जो भीड ने मार दीये। ये सब लोग कोन है, ये हम पहले समझना होगा ईन की दीमा़खो मे ये ईतनी नफरत की आग कोन पैदा करता है वोभी  समझना होगा । ये सभी बातें आज तक हम समझ गये होते तो ना मॉब लिंचींग होती,ना ये नफरत की आग लोगो मे होती। ना हम ईन सभी को भीड के हाथो ईतनी बेरहमी  से मरने देते।


डॉ. घपेश पुंडलिकराव ढवळे 
ghapesh84@gmail.com
M. 8600044560

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